पंद्रह दिनों में लाल लकीर के अंदर आने वाली संपत्ति की रजिस्ट्रियां नहीं हुई तो शुरू करेंगे संघर्ष
पंद्रह दिनों में लाल लकीर के अंदर आने वाली संपत्ति की रजिस्ट्रियां नहीं हुई तो शुरू करेंगे संघर्ष
इंडियन एसोसिएशन आफ लायरज के प्रधान ने सीएम को पत्र लिखकर दिया अल्टीमेटम
मोहाली। पंजाब में लाल लकीर के अंदर गांवों और शहरों में रजिस्ट्रियों पर लगाई गई रोक को तुरंत हटाया जाए। अगर पंद्रह दिन में इस दिशा में कार्रवाई नहीं हुई तो वकील पूरे पंजाब में संघर्ष करेंगे। यह अल्टीमेटम इंडियन एसोसिएशन आफ लायरज के प्रधान एडवोकेट जसपाल सिंह दप्पर ने राज्य सरकार को दी। उन्होंने इस संबंधी मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। साथ ही इस दिशा में पहल के आधार पर कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि पंजाब में शुरू से जो प्लाट /जमीन लाल लकीर के अंदर हैं, उन की रजिस्टरियाँ हो रही थीं । रजिस्ट्री करवाने के लिए लाल लकीर के अंदर स्थित प्लाट / मकान का नक्शा तैयार करके गांव के नंबरदार या काऊंसलर से दस्तख़त करवा कर रजिस्ट्री की प्रक्रिया होती थी। पंजाब के १३ हज़ार के करीब गाँव है। हजारों के मकान इसके अधीन आते हैं।उन्होंने लिखा है कि अब पंजाब की रेवन्यू यूनियन के आधिकारियों की तरफ से प्रस्ताव पास करके लाल लकीन के अधीन आती संपत्ति की रजिस्ट्रियों पर रोक लगा रखी है। पंजाब के तहसीलदार सूबा सरकार की तरफ से राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों से बौखला गए है। ऐसे में इस तरह के कदम उठाए जा रहे है। जबकि यह कानून और संविधान का उल्लंघन है।उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के मुलाजिमों और आधिकारियों की तरफ से पंजाब सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार रोकने के लिए की सख्ती के बाद महकमे की तरफ से लोगों के दस्तावेज़ों में बिना किसी कारण से ऐतराज़ लगा कर काम नहीं किया जा रहा है।